गुरु की छाया में शरण जो पा गया

गुरु संरक्षण पाया जिसने, अभय हो गया,
मंगलमय जीवन का उसके, उदय हो गया,
जिसने सौंप दिया अपने को, गुरु चरणों में,
उस पर स्वर्गिक वैभव सारा, सदय हो गया,
गुरु की छाया में शरण जो पा गया

गुरु की छाया में शरण जो पा गया,
उसके जीवन में सुमंगल आ गया

गुरु की छाया में शरण जो पा गया,
उसके जीवन में सुमंगल आ गया,
गुरु कृपा तो, सबसे बड़ा उपहार है,
गुरु हैं खेवनहार, तो बेड़ा पार है,
प्रेम का पावन, उजाला छा गया ,
उसके जीवन में, सुमंगल आ गया

गुरु की छाया में शरण जो पा गया,
उसके जीवन में सुमंगल आ गया

वह रचा है, आती-जाती स्वास में,
वह बसा है, प्राण में विश्वास में,
शांति सुख अमृत, स्वयं बरसा गया,
उसके जीवन में, सुमंगल आ गया

गुरु की छाया में शरण जो पा गया,
उसके जीवन में सुमंगल आ गया

हमको क्या, उनको हमारा ध्यान है,
गुरु है अपने देवता, श्री भगवान हैं,
प्राण का पंछी, बसेरा पा गया,
उसके जीवन में, सुमंगल आ गया,

गुरु नहीं है व्यक्ति, वहां तो एक शक्ति है,
माने यदि आज्ञा तो, सच्ची भक्ति है,
धन्य है जिसको, कि यह पथ भा गया,
उसके जीवन में, सुमंगल आ गया

गुरु की छाया में शरण जो पा गया,
उसके जीवन में सुमंगल आ गया

गुरु सनातन, ब्रह्मा का ही रूप है,
उसकी करुण कृपा, अमित अनूप है,
किया समर्पण तो, शिष्य सब पा गया,
उसके जीवन में, सुमंगल आ गया

Author: Unknown Claim credit

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