गुरु शंकर ये असाम सारा हर दम ऋणी है तुम्हारा
असाम के बोरडुआ में जन्मे सब के बने तुम सहारा,
गुरु शंकर ये आसाम ……..

कुसम शिरोमणि कुल के उजारे,
माँ सतया संध्या की आँखों के तारे,
सदा शिव के बरसे धरा पे तुम आये,
पड़ा नाम शंकर तुम्हरा,
तुम को नमन है हमारा,
असाम के बोरडुआ में जन्मे सब के बने तुम सहारा,
गुरु शंकर ये असाम सारा ……..

प्रथर बुधि बचपन से ही थी तुम्हारी,
लिखी कविता कर तल कमल प्यारी प्यारी,
निराकारी ईश्वर को आकर मत दो,
गुरु ये कथन था तुम्हारा तुम को नमन है हमारा,
असाम के बोरडुआ में जन्मे सब के बने तुम सहारा,
गुरु शंकर ये असाम सारा ……..

सभी के हिर्दय में अंदर था छाया,
मिटाके उसे तुमने दीपक जलाया,
सभी भक्तको इक धागे में बांधा,
वेश्या धर्म को उभारा शत शत नमन है हमारा
असाम के बोरडुआ में जन्मे सब के बने तुम सहारा,
गुरु शंकर ये असाम सारा ……..

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