जो शरण गुरु की आया यह लोक सुखी परलोक सुखी

जो शरण गुरु की आया यह लोक सुखी परलोक सुखी

सुख का साथी जगत सब,
दुःख का साथी न कोए l
दुःख का साथी साँईयाँ,
दादू सद्गुरु होए ll

जो शरण, गुरु की आया,
इहाँ लोक सुखी, परलोक सुखी ll
जिसने, गुरु ज्ञान पचाया,
इहाँ लोक सुखी, परलोक सुखी ll
ह्री ॐ ह्री ॐ, ह्री ॐ ह्री ॐ ll

रामायण में, शिव जी कहते l
भागवत में, सुकदेव जी कहते l
गुरबाणी में, नानक कहते l
जपो, संत संग राम,
इहाँ लोक सुखी, परलोक सुखी l
ह्री ॐ ह्री ॐ, ह्री ॐ ह्री ॐ ll

चिन्ता और भय, सब मिट जाए l
दुर-गुण दोष, सभी छूट जाए l
चमके, भाग्य सितारा,
इहाँ लोक सुखी, परलोक सुखी l
ह्री ॐ ह्री ॐ, ह्री ॐ ह्री ॐ ll

साँसो में हो, नाम का सिमरण l
मन में हो, गुरुदेव का चिन्तन l
जिसने, यह अपनाया,
इहाँ लोक सुखी, परलोक सुखी l
ह्री ॐ ह्री ॐ, ह्री ॐ ह्री ॐ ll

ब्रह्म ज्ञानी, साकार ब्रह्म है l
इन का ना, कोई बंधन है l
सब को, करे महान,
इहाँ लोक सुखी, परलोक सुखी l
ह्री ॐ ह्री ॐ, ह्री ॐ ह्री ॐ ll

कृपा तुम्हरी, पा जाएंगे l
जो सतसंग में, आ जाएंगे l
हो जाएं, भवजल पार,
इहाँ लोक सुखी, परलोक सुखी l
ह्री ॐ ह्री ॐ, ह्री ॐ ह्री ॐ ll

जो संतों की, निंदा करते
अपना ही वह, वँश मिटाते
जो संत, शरण में आते,
इहाँ लोक सुखी, परलोक सुखी l
ह्री ॐ ह्री ॐ, ह्री ॐ ह्री ॐ ll
मेरे राम मेरे राम x2
अपलोडर- अनिल रामूर्ति भोपाल

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