सत्संग दे विच ओना सिख लै गुण सतगुरु दे गौना सिख लै,
तू बुलेया दर सतगुरु दा तू फस गए विच हंकार दे,
मेरे सतगुरु कांशी वाले सबना दे वेहड़े तार दे

मन विच सच दी ज्योत जला के सतगुरु दे दर जाय कर,
नाम ओहदे दा सिमरन करके चरनी शीश निभाया कर,
झोलियाँ भर के ले गए बन सेवक दरबार दे,
मेरे सतगुरु कांशी वाले सबना दे वेहड़े तार दे

मोह माया दे जाल च फस के मेरी मेरी करदा रहा,
सतगुरु दर न शीश झुकाया ताहियो दुखड़े जरदा रहा,
पढ़ के देख गुरा दी वाणी सतगुरु दुःख निवार दे,
मेरे सतगुरु कांशी वाले सबना दे वेहड़े तार दे,

रेहमता भरे खजाने सतगुरु सेवका तो बरसाए आ,
साहिल ने भी ऐसे दर तो मुँह मंगे फल पाए आ,
नौकर बन सेवा करनी राम चुम्बर साणे परिवार दे ,
मेरे सतगुरु कांशी वाले सबना दे वेहड़े तार दे,

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

षटतिला एकादशी

शनिवार, 25 जनवरी 2025

षटतिला एकादशी
बसंत पंचमी

रविवार, 02 फरवरी 2025

बसंत पंचमी
जया एकादशी

शनिवार, 08 फरवरी 2025

जया एकादशी
माघ पूर्णिमा

बुधवार, 12 फरवरी 2025

माघ पूर्णिमा
विजया एकादशी

सोमवार, 24 फरवरी 2025

विजया एकादशी
महा शिवरात्रि

बुधवार, 26 फरवरी 2025

महा शिवरात्रि

संग्रह