मेरी अर्ज सुनो मेरे सतगुरु जी
असी दर दर दे ठुकराए होए आ,
मेरी अर्ज सुनो मेरे सतगुरु जी
थक हार के जालिम दुनिया तो
असी शरण तेरी हुन आये होए आ,
मेरी अर्ज सुनो मेरे सतगुरु जी
जिस दर ते भी पल्ला अड़ेया ऐ,
दुत्कार मिली फटकार मिली
जिस तो भी उमीदा लाइया सी
उस था तो भी इनकार मिली
हूँ होर नजर कोई औंदा नही
बस तेथो ही आस लगाई होई आ
मेरी अर्ज सुनो मेरे सतगुरु जी
हून वेख मेरी बदहाली नु संग अपने बेगाने छोड़ गये,
जिह्ना लई मर मर जींदा रेहा ओ रिश्ते भी दिल तोड़ गए,
तेनु अजमाना बाकी ऐ मैं रिश्ते सब अजमाए होए आ
मेरी अर्ज सुनो मेरे सतगुरु जी
ऐ दुनिया है बस मतलब दे हर चेहरे ते कई चेहरे ने
इथे झूठे मोजा लुट दे ने
एथे सच बोलन ते पेहरे ने,
हूँ दास समज गया दुनिया नु असली चेहरे टी लुकाये होए ने
मेरी अर्ज सुनो मेरे सतगुरु जी
Author: Unknown Claim credit