होया खुशियाँ दा आज वे माहोल,
नचणा ज़रुर चाहिदा,
साडी गुरा नाल बंधी हुई डोर,
नाचना जरुर चाहिदा…..

सोहना सोहना सतगुरु आसन लगाया मैं,
चुन चुन फुल्ला नाल उस नु सजाया मैं,
बड़ी शरदा नाल पुरे किते शोंक, सतगुरू घर आ गए,
ऐना वरगा ना कोई होर,
सतगुरु घर आ गए…..

सोणे हारावाले दी चाल निराली ऐ,
सिर ते रुमाल गल, फुल्ला वाली माला ऐ,
ऐदे दर्श पावा हाथ जोड़,
सतगुरु घर आ गए…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

पापमोचनी एकादशी

मंगलवार, 25 मार्च 2025

पापमोचनी एकादशी
चैत्र नवरात्रि

रविवार, 30 मार्च 2025

चैत्र नवरात्रि
गुड़ी पड़वा

रविवार, 30 मार्च 2025

गुड़ी पड़वा
उगादी

रविवार, 30 मार्च 2025

उगादी
चेटी चंड

सोमवार, 31 मार्च 2025

चेटी चंड
राम नवमी

रविवार, 06 अप्रैल 2025

राम नवमी

संग्रह