सतगुरु अपनी कुटिया में आ जाइये

सतगुरु अपनी कुटिया में आ जाइये
ये भी घर है आपका हमे अपनाइये
गुरु नाम का, मैं नशा चाहती हूं
विनय कर रहा हूं,दया चाहती हूं

प्रभू नाम का जाम, मुझे भी पिला दो,
जो देखा न कभी भी वो, जलवा दिखावों,
लगी है तलब जो उसे तुम बुझा दो,
शरण में तुम्हारी शरण में तुम्हारी
जगह चाहती हूं विनय कर रही हूं दया

मिट जाए हस्ति,जा जाए मस्ती,
बन्दों को अपने,जो तुमने बख़्शी,
रहमत पे तेरी टिकी मेरी कश्ती,
वही तो निगाहें वही तो निगाहें
करम चाहती हूं विनय कर रही हूं

गुरु नाम का, मैं नशा चाहती हूं
विनय कर रहा हूं,दया चाहती हूं

चरणों का “शिव” को दीवाना बनावो,
अपनी शमां का परवाना बनालो
अपनी शमां का परवाना बनालो
मै अपने आप को भूलना चाहती हूं
विनय कर रही हूं दया चाहती हूं

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा
षटतिला एकादशी

बुधवार, 14 जनवरी 2026

षटतिला एकादशी
मकर संक्रांति

बुधवार, 14 जनवरी 2026

मकर संक्रांति
जया एकादशी

सोमवार, 26 जनवरी 2026

जया एकादशी

संग्रह