देवतेया ने आज फूल बरसाए वेखो जी वेखो मेरे गुरु जी आये,
सबना ने आके शीश झुकाये वेखो जी वेखो मेरे गुरु जी आये,
धन धन पिता ने धन धन माता जिह्ना घर आया जगत दा दाता,
सब न ने आके दर्शन पाए, वेखो जी वेखो मेरे गुरु जी आये,
मस्तक गुरु जी दा जग मग करदा चरना विचो अमृत वसदा,
पल विच होये दुःख दूर सारे,
वेखो जी वेखो मेरे गुरु जी आये
सबना विच तेरा नूर ही वसदा,
जो दर आये सो है तर दा,
मितिया अँधेरा जग तो दीप चमकाए,
वेखो जी वेखो मेरे गुरु जी आये
Author: Unknown Claim credit