जय कपि बलवंता,
प्रभु जय कपि बलवंता,
सुर नर मुनिजन वंदित,
सुर नर मुनिजन वंदित,
पदरज हनुमंता,
जय कपि बलवंता,
प्रभु जय कपि बलवंता……
प्रौढ़ प्रताप पवनसुत,
त्रिभुवन जयकारी,
प्रभु त्रिभुवन जयकारी,
असुर रिपु मद गंजन,
असुर रिपु मद गंजन,
भय संकट हारी,
जय कपि बलवंता,
प्रभु जय कपि बलवंता……
भूत पिशाच विकट ग्रह,
पीड़त नही जम्पे,
प्रभु पीड़त नही जम्पे,
हनुमंत हाक सुनीने,
हनुमंत हाक सुनीने,
थर थर थर कंपे,
प्रभु थर थर थर कंपे,
जय कपि बलवंता,
प्रभु जय कपि बलवंता……
रघुवीर सहाय ओढंग्यो,
सागर आती भारी,
प्रभु सागर आती भारी,
सीता सोध ले आए,
सीता सोध ले आए,
कपि लंका जारी,
जय कपि बलवंता,
प्रभु जय कपि बलवंता……
राम चरण रतिदायक,
शरणागत त्राता,
प्रभु शरणागत त्राता,
प्रेमानंद कहे हनुमत,
प्रेमानंद कहे हनुमंत,
वांछित फल दाता,
जय कपि बलवंता,
प्रभु जय कपि बलवंता……
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