जींद मेरीये तू ऐवे न गबराया कर गुरु जी दा ध्यान लगाया कर,
जद कुछ भी नजर ना आवे ते नजारा उस वल घुमाया कर
जींद मेरीये जींद मेरीये

तू सब ते मेहरा करदा ऐ साडी भी आस पूजाए गा,
ओह सब दे संकट हरदा ऐ साडी विपदा वि मिटाएगा,
ओह सब दियां झोलिया भरदा ऐ सहनु फिर क्यों ठुकराए गा,
जींद मेरीये जींद मेरीये

भुलियाँ दी भुला माफ़ करे
गुण अवगुण चेते ल्यौन्दा नही
करदा न किसे नु शरमिंदा,
सुख देके कदे सुनंदा नही
जग तो न्यारा लज पाल वे ओ
हाथ फड के कदे छुदउन्दा नही
जींद मेरीये जींद मेरीये

जद याद करा साहिल उस नु
दिल विच इक नूर समा जौंदा
जदबंद करा पट अखियाँ दे दर्शन दी ज्योत जगा जौंदा,
अपनी संगता दे नाल किता होया अपना हर इक वचन निभा जांदा,
जींद मेरीये जींद मेरीये

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