जबसे किया नमन के मेरे भाग खुल गए

जबसे किया नमन के मेरे भाग खुल गए,
मन को मिला अमन के मेरे भाग खुल गए,
जबसे किया नमन के मेरे भाग खुल गए,
जबसे किया नमन के मेरे भाग जग गए…..

खाटू वाले तेरा दर लगता है कितना सुन्दर,
सजा हुआ है फूलों से बैठे हो जिसके अंदर,
दुःख का हुआ दमन,,
दुःख का हुआ दमन के मेरे भाग जग गए,
जबसे किया नमन के मेरे भाग जग गए….

ये मेरा दिल झूम उठा, उनके चरणों को चूम उठा,
आई बहारें गुलशन में रहमत का सागर झूम उठा,
रहमत का सागर झूम उठा,,
खिलने लगे सुमन के मेरे भाग जग गए,
जबसे किया नमन के मेरे भाग जग गए….

श्याम तो ऐसी हस्ती है बसाते उजड़ी बस्ती है,
इनका हुआ अभिषेक जहाँ रहमत तो वहां बरसती है,
रहमत तो वहां बरसती है,,
नादान सत्य का कल के मेरे भाग जग गए,
जबसे किया नमन के मेरे भाग जग गए….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा
षटतिला एकादशी

बुधवार, 14 जनवरी 2026

षटतिला एकादशी
मकर संक्रांति

बुधवार, 14 जनवरी 2026

मकर संक्रांति
जया एकादशी

सोमवार, 26 जनवरी 2026

जया एकादशी

संग्रह