जाके सिर पे हाथ म्हारे श्याम धनी को होवे है

जाके सिर पे हाथ म्हारे श्याम धनी को होवे है,
बांको बाल न बांको होवे है…

कलयुग में बाबा का, घर घर बजे डंका, बड़ो बलकारी है,
जो भाव से ध्यावे, पल भर में है आवे, करे ना देरी है,
जा का जैसा भाव, बाबो वैसो ही फल देवे है,
बांको बाल न बांको होवे है,
जाके सिर पे हाथ….

एक बार जावोगा, हर साल जावोगा, बाबा के मेले में,
आनंद ही आनंद, अमृत की हो बर्षा, बाबा के मेले में,
लेकर एको नाम, जो भी पैदल खाटू जावे है,
वो बेठ्यो मौज उड़ावे है,
जाके सिर पे हाथ….

दुनिया की मस्ती में, मत भूल बाबा ने, यु ही तेरे काम को,
जइया मनावोगा, यो मान जावेगो, भूखो है थारे भाव को,
श्याम को आशीर्वाद, ‘शुभम रूपम’ जाके होवे है,
वो तान के खुटी सोवे है,
जाके सिर पे हाथ….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह