नैना खुले तो तेरा दर्शन हो,
होठ हिले तो तेरा कीर्तन हो,
याद रखु तेरे नाम को गुरूजी,
मन भटके तो तेरा सुमिरन हो

सांसो में है वास तुम्हरा हर पल है एहसास तुम्हारा,
मन के अंदर मन के बाहर आप मेरे संग हर्षण हो,
नैना खुले तो तेरा दर्शन हो…………

सत्ये असतये का भेद बताया ज्ञान का ऐसा दीप जलाया,
जो पथ दिखला या है मुझको उसपर चलने को प्रण हो,
नैना खुले तो तेरा दर्शन हो………..

हर पल इक नाइ आशा जगा दे,
जीवन की हर वाधा मिटा दे,
देना आशीर्वाद यही अब चरणों में तेरे जीवन हो,
नैना खुले तो तेरा दर्शन हो,

Author: Unknown Claim credit

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