कभी भूलू ना याद तुम्हारी रटू राधा रमण मेरे

कभी भूलू ना, कभी भूलू ना….
कभी भूलू ना याद तुम्हारी रटू,
तेरा नाम मैं साँझ सवेरे,
राधा रमण मेरे, राधा रमण मेरे….

सिर मोर मुकुट कानन कुण्डल,
दो चंचल नैन कटारे,
मुख कमल से भवरे बने केश,
लहराये काले काले,
हो जाओ प्रकट मम हृदय मे,
करो दिल के दूर अन्धेरे,
राधा रमण मेरे, राधा रमण मेरे….

गल सोहे रही मोतिन माला,
अधरो पर मुरली सजाए,
करे घायल तिरछी चितवन से,
मुस्कान से चैन चुराये,
हो भक्तो के सरताज किन्तु,
राधा रानी के चेरे,
राधा रमण मेरे, राधा रमण मेरे….

अपने आँचल की छाया मे,
करूणा मे मुझे छिपा लो,
मैं जन्म जन्म से भटका हूँ,
हैं नाथ मुझे अपना लो,
प्राणेश रमण तुम संग मेरे,
हैं जन्म जन्म के फेरे,
राधा रमण मेरे, राधा रमण मेरे….

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