ना गोरे का ना काले का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटू वाले का…

ना गोरे का ना काले का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटु वाले का…

भारत में राजस्थान है,
अजी जयपुर जिसकी शान है,
जयपुर के पास ही रिंगस है,
रिंगस से उठता निशान है,
भगतों के पालनहारे का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटू वाले का…

ना गोरे का ना काले का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाड़ला खाटु वाले का…

दुनिया में निराली शान है,
कहलाता बाबा श्याम है,
कोई फूल चढ़ा ले जाता है,
कोई छपन भोग लगाता है,
सब को खुश रखने वाले का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटू वाले का…

ना गोरे का ना काले का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाड़ला खाटु वाले का…

जो मैंने कभी ना सोचा था,
जहाँ कोशिश से ना पहुँचा था,
मेरे श्याम ने मुझको बचा लिया,
मुझे मंज़िल तक पहुंचा दिया,
कन्हैयाँ मुरली वाले का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाडला खाटू वाले का…

ना गोरे का ना काले का,
घनश्याम मुरली वाले का,
मैं लाड़ला खाटु वाले का…

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