मेरे श्याम की नज़रे कर्म हुयी

मेरे श्याम की नज़रे कर्म हुयी,
मेरी दुनिया देखो बदल गयी,
मुझपे रेहमत की बरसात होने लगी,
मेरी किस्मत देखो चमक गयी,
मेरे श्याम की नज़रे कर्म हुयी…….

श्याम जी की किरपा जो मिलती रहे,
झोलिया गरीबो की भरती रहे,
पानी से दीप जले देखो,
अंधयारी सारी हट गयी,
मेरे श्याम की नज़रे कर्म हुयी…….

श्याम जी के चरणों में अमृत धार,
कर देती सबका उदार,
हर नईया को श्याम सुंदर पार करे,
देखो मझधार अब फिसल गयी,
मेरे श्याम की नज़रे कर्म हुयी…….

श्रद्धा जो भक्तो की मिलती रहे,
आँखे भी श्याम की हस्ती रहे,
वो नम की रात मिलेगी सदा,
देखो अंधयारी सारी हट गयी,
मेरे श्याम की नज़रे कर्म हुयी…….

Author: Unknown Claim credit

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