मन को सकूंन दीजिये, जीवन बीत जाए,
साँसे भी हो रही है कम, धड़कन थमी जाए…….
चंद समय की लोक माया, जीवन को भटकाए,
इधर उधर की बात क्या है, प्रभु शरण में जा,
पल पल मरता जा रहा, श्याम तू ही बचाये,
मन को सकूंन दीजिये, जीवन बीत जाए……
श्याम तेरी किरपा का मैं आनंद लू भरपूर,
निंद्रा घमंड आलस को पल में करदो चूर,
भूल कर संसार की बाते, मन तुझ में खो जाए,
मन को सकूंन दीजिये, जीवन बीत जाए……
मेरे पापी मन को श्याम ,करदो क्षण में मुक्त,
सब कुछ त्याग कर श्याम, बन जाऊ तेरा भक्त,
ऐसी किरपा करो मुझ पे, तेरा ही हो जाए,
मन को सकूंन दीजिये, जीवन बीत जाए…..
Author: Unknown Claim credit