तर्ज – दीवाने है दीवानो को न दर चाहिए

मेरे श्याम तुझको नमस्कार है,
नमस्कार है,
तू पग पग पे करता चमत्कार है,
चमत्कार है…….

नहीं तुमसा यहाँ कोई दातार है,
ना दातार है,
तेरे भक्तो को तेरी दरकार है,
दरकार है,
मेरे श्याम तुझको नमस्कार है,
नमस्कार है,
तू पग पग पे करता चमत्कार है,
चमत्कार है……

हैं यूँ तो ज़माने में अपने सभी,
हैं अपने सभी,
जरुरत पड़े तो कहे फिर कभी,
कहे फिर कभी,
बिना स्वार्थ का बस तेरा प्यार है,
तेरा प्यार है……

बुलाया तुझे आया हर बार है,
हर बार है,
मेरे श्याम तुझको नमस्कार हैं,
नमस्कार है,
तू पग पग पे करता चमत्कार है,
चमत्कार है……

अँधेरा है जग बस तू ही रौशनी,
तू ही रौशनी,
है तू संग तो फिर ना कोई कमी,
ना कोई कमी,
तेरे भक्तो का तू ही आधार है,
तू आधार है……

निभाए सभी को वो दिलदार है,
वो दिलदार है,
मेरे श्याम तुझको नमस्कार हैं,
नमस्कार है,
तू पग पग पे करता चमत्कार है,
चमत्कार है…….

कलाकार तू जाने संसार है,
ये संसार है,
बनाता बिना फन के फनकार है,
ये फनकार है,
दया का ओ बाबा तू भंडार है,
तू भंडार है……

निर्मल कृपा का नहीं पार है,
नहीं पार है,
मेरे श्याम तुझको नमस्कार हैं,
नमस्कार है,
तू पग पग पे करता चमत्कार है,
चमत्कार है……

मेरे श्याम तुझको नमस्कार है,
नमस्कार है,
तू पग पग पे करता चमत्कार है,
चमत्कार है,
नहीं तुमसा यहाँ कोई दातार है,
ना दातार है……

तेरे भक्तो को तेरी दरकार है,
दरकार है,
मेरे श्याम तुझको नमस्कार है,
नमस्कार है,
तू पग पग पे करता चमत्कार है,
चमत्कार है……

Author: संजय मित्तल

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