हे नाथ प्राणाधार जीवन तेरे सहारे,
श्याम आपकी कृपा से ये साँस चल रही है……
ये नैन कबसे प्यासे तेरी राह तक रहे है,
आता नहीं नजर क्यूँ कब से बरस रहे है,
श्यामआपकी……
दीनों के दीनानाथ सागर हो तुम दया के,
आशा की ये किरणे तुमसे ही जुड़ रहे है,
श्याम आपकी……
दुनियाँ बनाने वाले हम है कृतज्ञ तेरे,
आज्ञा में तेरे चल हम वन्दना कर रहे हैं,
श्याम आपकी……
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