तर्ज – जीता था जिसके लिए

गाता हूँ जिसके लिए,
जिसके भजन करता हूँ,
वो खाटू का राजा है,
जिसे मैं प्यार करता हूँ,
वो खाटू का राजा हैं,
जिसे मैं प्यार करता हूँ…..

इनसे ही है मेरी ये जिंदगानी,
इनसे ही पहचान है,
इनसे ही पहचान है,
इनको निहारु में इनको सवारु,
मेरा ये अरमान है,
मेरा ये अरमान है,
मेरे श्याम तेरा,
दर्श यूं ही करता रहूं,
वो खाटू का राजा हैं,
जिसे मैं प्यार करता हूँ……

अपनों से ज्यादा करें मेरी चिंता,
ऐसा है दिलदार ये,
ऐसा है दिलदार ये,
गिरने से पहले उठाने को आता,
यारों का है यार ये,
यारों का है यार ये,
मेरे सर को तेरे,
दर पे झुकाता रहूं,
वो खाटू का राजा हैं,
जिसे मैं प्यार करता हूँ……

ग्यारस पे बाबा मुझे तुम बुलाना,
मैं आ जाऊंगा दौड़ के,
आ जाऊंगा दौड़ के,
दर को तुम्हारे मैं सच कह रहा हूँ,
ना जाऊंगा छोड़ के,
ना जाऊंगा छोड़ के,
कन्हैया मैं तेरी,
यह सूरत सजाता रहूं,
वो खाटू का राजा हैं,
जिसे मैं प्यार करता हूँ……

गाता हूँ जिसके लिए,
जिसके भजन करता हूँ,
वो खाटू का राजा है,
जिसे मैं प्यार करता हूँ,
वो खाटू का राजा हैं,
जिसे मैं प्यार करता हूँ……

Author: Unknown Claim credit

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