मन को लुभाये ये तो सब को ही भाये,
ये तो प्रेम बढ़ाये सबसे,
ये बाबा मोर छड़ी वाला,
जो भी आये सबको निभाए,
ये बाबा नीले घोड़े वाला,
मन को लुभाये
ये बाबा मोर छड़ी वाला ||
श्याम का रंग नीला,
पहने पीताम्बर पिला,
इसका बागा सजीला,
इसका रूप है नशीला,
जो भी देखे अपने होश गवाये,
ऐसा जादू इसने डाला,
मन को लुभाये ये तो सब को ही भाये,
ये तो प्रेम बढ़ाये सबसे,
ये बाबा मोर छडी वाला ||
घोडा इसका है लीला,
सरपट दौड़े फुर्तीला,
इसको नजर नहीं लागे,
बांका कद है गठीला,
श्याम का सेवक छम छम नाचे,
ये तो होके मतवाला,
मन को लुभाये ये तो सब को ही भाये,
ये तो प्रेम बढ़ाये सबसे,
ये बाबा मोर छडी वाला ||
कलयुग अवतारी,
तीन बाणों का धारी,
महिमा इनकी है न्यारी,
पूजे दुनिया ये सारी,
ढोक लगाये, आशीष पाये,
सबका बने रखवाला,
मन को लुभाये ये तो सब को ही भाये,
ये तो प्रेम बढ़ाये सबसे,
ये बाबा मोर छडी वाला ||
सर मोर मुकुट पहने,
कानो में कुंडल गहने,
इसकी चितवन है प्यारी,
निर्मल कहता क्या कहने,
देव निराला, है मतवाला,
ये तो मोहन मुरली वाला,
मन को लुभाये ये तो सब को ही भाये,
ये तो प्रेम बढ़ाये सबसे,
ये बाबा मोर छड़ी वाला ||
मन को लुभाये ये तो सब को ही भाये,
ये तो प्रेम बढ़ाये सबसे,
ये बाबा मोर छड़ी वाला,
जो भी आये सबको निभाए,
ये बाबा नीले घोड़े वाला,
मन को लुभाये
ये बाबा मोर छड़ी वाला ||
श्याम का रंग नीला,
पहने पीताम्बर पिला,
इसका बागा सजीला,
इसका रूप है नशीला,
जो भी देखे अपने होश गवाये,
ऐसा जादू इसने डाला,
मन को लुभाये ये तो सब को ही भाये,
ये तो प्रेम बढ़ाये सबसे,
ये बाबा मोर छडी वाला ||
घोडा इसका है लीला,
सरपट दौड़े फुर्तीला,
इसको नजर नहीं लागे,
बांका कद है गठीला,
श्याम का सेवक छम छम नाचे,
ये तो होके मतवाला,
मन को लुभाये ये तो सब को ही भाये,
ये तो प्रेम बढ़ाये सबसे,
ये बाबा मोर छडी वाला ||
कलयुग अवतारी,
तीन बाणों का धारी,
महिमा इनकी है न्यारी,
पूजे दुनिया ये सारी,
ढोक लगाये, आशीष पाये,
सबका बने रखवाला,
मन को लुभाये ये तो सब को ही भाये,
ये तो प्रेम बढ़ाये सबसे,
ये बाबा मोर छडी वाला ||
सर मोर मुकुट पहने,
कानो में कुंडल गहने,
इसकी चितवन है प्यारी,
निर्मल कहता क्या कहने,
देव निराला, है मतवाला,
ये तो मोहन मुरली वाला,
मन को लुभाये ये तो सब को ही भाये,
ये तो प्रेम बढ़ाये सबसे,
ये बाबा मोर छड़ी वाला ||
Author: Sanju Sharma