बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृजबाला ।
बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृजबाला ।
ग्वाल बाल इक इक से पूछे,
कहाँ है मुरली वाला रे,
बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृजबाला ।
कोई ना जाए कुञ्ज गलिन में,
तुझ बिन कलियाँ चुनने को ।
तरस रहे हैं…
तरस रहे हैं जमुना के तट,
धुन मुरली की सुनने को ।
अब तो दरस दिखा दे नटखट,
क्यों दुविधा में डाला रे ।
बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृजबाला ।
संकट में है आज वो धरती,
जिस पर तूने जनम लिया ।
पूरा कर दे…
पूरा कर दे आज वचन वो,
गीता में जो तूने दिया ।
कोई नहीं है तुझ बिन मोहन,
भारत का रखवाला रे ।
बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृजबाला ।
ग्वाल बाल इक इक से पूछे,
कहाँ है मुरली वाला रे ।
बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृजबाला ।
बड़ी देर भई नंदलाला,
तेरी राह तके बृजबाला ।
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