जा रहे हो तो जाओ ब्रिज छोड़ कर सबका दिल तोड़ कर,
प्रेम ब्रिज सा कन्हैया नहीं पाओ गे,

ये लताये कदम की ये ढ़ालियाँ,
तेरे बचपन की साथी सांवरियां,
कुञ्ज गलियां कहानी तेरी गा रही,
ऐसी गलियाँ कन्हियाँ नहीं पाओ गे,
जा रहे हो तो जाओ ब्रिज छोड़ कर सबका दिल तोड़ कर,

ले ग्वालो को घर में आना तेरा,
घर के छीके से माखन चुराना तेरा,
स्वाद माखन का जैसा ब्रिज में मिला,
स्वाद ऐसा कन्हियाँ नहीं पाओ गए,
जा रहे हो तो जाओ ब्रिज छोड़ कर सबका दिल तोड़ कर,

कितनी पौड़ी गगरिया पनघट पर,
चीर किसके बचे श्याम प्यारे कहो,
तेरे उधमों को जिसने हस के सहा,
ऐसे प्रेमी कन्हैया नहीं पाओ गे,
जा रहे हो तो जाओ ब्रिज छोड़ कर सबका दिल तोड़ कर,

प्रेम कर के दीवाना बना के हमे छोड़ जाते है किसके सहारे कहो,
नंदू मुरली के जैसे दीवाने हुए ऐसे पागल कन्हैया नहीं पाओ गए,
जा रहे हो तो जाओ ब्रिज छोड़ कर सबका दिल तोड़ कर,

Author: Guru Ashish

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