कान्हा तेरी कब से बाट निहारूं

कान्हा तेरी कब से बाट निहारूं -2
बाट निहारूं तुझे पल-पल पुकारूँ -2

बाँध ली कान्हा तोसे प्रीत की डोरी।
सुलझे न मोसे अब उलझन मोरी।।-2
हरदम याद सताती है,अखियां जल बरसाती हैं। -2
कान्हा तेरी कबसे बाट निहारूं -2
बाट निहारूं तुजे पल-पल पुकारूँ-2

होक तेरी सुख चैन गंवाया,इसके सिवा मेने कुछ नहीं पाया -2
मोहे बस तू मिल जाए रे ,चाहे सबकुछ छिन जाए रे -2
कान्हा तेरी कब से बाट निहारूं -2
बाट निहारूं तुझे पल-पल पुकारूँ -2

दिल में बिठाना चाहे चरनी लगाना,अपने करीब पर दे दो ठिकाना -2
न तोसे दूर है जाना रे ,समझ ले इतना कान्हा रे -2
कान्हा तेरी कब से बाट निहारूं -2
बाट निहारूं तुझे पल-पल पुकारूँ-4 ।

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा

संग्रह