मिला दो अरे द्वारपालों मेरे घनश्याम से

तर्ज – मिला दे ओ रब्बा मेरे मेहबूब से मिलादे

मै हु उनका यार पुराना उनसे बिछड़े हुआ जमाना,
याद मुझे उन की आयी है अखिया मेरी भर आयी है,
मै तो आया हु इस दर पे मिला दो मिला दो,
अरे द्वारपालों मेरे घनश्याम से तुम मिला दो…..

नाम मेरा बता दो, हाल सारा सुनादो,
उनसे कहदो के द्वारे सुदामा खड़ा,
इतने में वो तो जान ही लेंगे बस मुझको पहचान ही लेंगे,
मै तो आया हु इस दर पे मिला दो मिला दो,
अरे द्वारपालों तुम घनश्याम से अब मिला दो…..

जाके प्रभु को बताया हाल सारा सुनाया,
प्रभु द्वारे पे मिलने सुदामा खड़ा,
है वो सूरत से भोला मुझसे हक से वो बोला,
वो बताता है नाता पुराना बड़ा,
इतनी सुनकर प्रभु उठ भागे नंगे पैरों दौड़न लागे,
मेराँ आया है आज यार मिलादो मिलादो,
मेरे बालसखा से मिला दो…..

दुर्दशा जो सुदामा, की देखे कन्हैया,
तो आंखों से अश्रु बरसने लगे,
बिठा अपनी गद्दी पे ढाढस बँधाया,
और हाथो से चरणों को धोने लगे,
इतने दिन तू क्यों दुख पाया,
क्या तुझको मैं याद ना आया,
तूने दुखाया दिल यार मिला दो मिला दो,
अरे द्वारपालों तुम घनश्याम से अब मिला दो…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह