मुझे श्याम नाम धुन लागी आज,
सत्संग में म्हारो मन लागे,
हरि चरणों में रम जाऊं आज,
सत्संग में म्हारो मन लागे……
मैं तो मोह माया को त्यागु आज,
सत्संग में मैं जाऊं आज,
ऐसी लगन राम संग लागी आज,
सत्संग में म्हारो मन लागे……
भव बंधन जग के छूटे आज,
जीवन सफल बनाऊ आज,
हरि चरणों में रम जाऊं आज,
सत्संग में म्हारो मन लागे……
गुरु अंदर के पट खोलो आज,
बिन सत्संग रह ना पाऊंगा आज,
हरी नाम बिना नहीं दूजा काज,
सत्संग में म्हारो मन लागे……
मेरे रोम रोम में बस गए श्याम,
लोक लाज सब छोड़ी आज,
मेरे सपने में श्याम जी पधारे आज,
सत्संग में म्हारो मन लागे……
मेरे जन्म जन्म की मिट गई प्यास,
हरि दर्शन से खुल गए भाग,
मेरा जीवन सफल बना दिया आज,
सत्संग में म्हारो मन लागे……
Author: Unknown Claim credit