मुझको अगर तू फूल बनाता ओ साँवरे

तर्ज – मिलती है जिंदगी में

( हर ख़ुशी है मगर,
इक कमी रह गई,
मेरी पलकों में प्यारे,
नमी रह गई,
तेरी महफिल में,
खुल के वो कहता हूँ मैं,
बात दिल की,
जो दिल में दबी रह गई,
सुन मेरे प्यारे॥ )

मुझको अगर तू फूल,
बनाता ओ साँवरे,
मंदिर मैं तेरा रोज,
सजाता ओ साँवरे……

तेरा जिक्र जिक्र इत्र का ,
तेरी बात इत्र की,
तेरी बात इत्र की,
मंदिर में तेरे होती है,
बरसात इत्र की,
छींटा कोई तो मुझपे भी,
आता ओ साँवरे,
मंदिर मैं तेरा रोज,
सजाता ओ साँवरे……

मेरे श्याम काम आता मैं,
तेरे श्रृंगार में,
तेरे श्रृंगार में,
तेरे भक्त पिरो देते मुझे,
तेरे हार में,
मुझ को गले तू रोज,
लगाता ओ साँवरे,
मंदिर मैं तेरा रोज,
सजाता ओ साँवरे……

बन के गुलाब काँटो में,
रहना कबूल है,
रहना कबूल है,
किस्मत में मेरी गर तेरे,
चरणों की धूल है,
संदीप सर ना दर से,
उठाता ओ सांवरे,
चरणों से तेरे सर ना,
उठाता ओ सांवरे,
मंदिर मैं तेरा रोज,
सजाता ओ साँवरे…….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

इंदिरा एकादशी

बुधवार, 17 सितम्बर 2025

इंदिरा एकादशी
घटस्थापना पूजा

सोमवार, 22 सितम्बर 2025

घटस्थापना पूजा
दशहरा

गुरूवार, 02 अक्टूबर 2025

दशहरा
पापांकुशा एकादशी

शुक्रवार, 03 अक्टूबर 2025

पापांकुशा एकादशी
अश्विन पूर्णिमा

मंगलवार, 07 अक्टूबर 2025

अश्विन पूर्णिमा
करवा चौथ

शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025

करवा चौथ

संग्रह