ऐ री नैनन में श्याम समाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो।।
लुट जाउंगी श्याम तोरी लटकन पे,
बिक जाउंगी श्याम तोरी मटकन पे,
वो तो मधुर मधुर मुस्काय गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो,
ऐ री नैनन मे श्याम समाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो।।
मर जाउंगी श्याम तोरी नैनन पे,
वारि जाउंगी श्याम तोरी बेनन पे,
वो तो तिरछी नज़र चलाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो,
ऐ री नैनन मे श्याम समाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो।।
यो तो पागल को प्यारो है नंदलाला,
दीवाने भए जाके सब ग्वाला,
यो तो सपने में बतलाय गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो,
ऐ री नैनन में श्याम समाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो।।
Author: Jaya Kishori