
कन्हैया मेरी इन अखियों में रहता है
जिसके ख़ातिर अखियों से,आँसू बहता है,वही कन्हैया मेरी,इन अखियों में रहता है,जिसके ख़ातिर अखियों से,आँसू बहता है,वही कन्हैया मेरी,इन अखियों में रहता है,जिसके ख़ातिर अखियों से………. पता नहीं क्यों मेरी अखियाँ,श्याम को ढूंढ़ती रहती,छुपाया अपने...