पवित्रा पहरे को दिन आयो।
केसर कुमकुम रसरंग वागो कुंदन हार बनायो॥१॥
जय जयकार होत वसुधा पर सुर मुनि मंगल गायो।
पतित पवित्र किये सुख सागर सूरदास यश गायो॥२॥
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पवित्रा पहरे को दिन आयो।
केसर कुमकुम रसरंग वागो कुंदन हार बनायो॥१॥
जय जयकार होत वसुधा पर सुर मुनि मंगल गायो।
पतित पवित्र किये सुख सागर सूरदास यश गायो॥२॥
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बुधवार, 11 जून 2025
ज्येष्ठ पूर्णिमाशनिवार, 21 जून 2025
योगिनी एकादशीरविवार, 06 जुलाई 2025
देवशयनी एकादशीगुरूवार, 10 जुलाई 2025
गुरु पूर्णिमागुरूवार, 10 जुलाई 2025
आषाढ़ पूर्णिमासोमवार, 21 जुलाई 2025
कामिका एकादशी