श्री जी हमारी हम श्री जी के -२
जिये जा रहे हैं राधा नाम रस पी के-४

ऊँची अटारी श्रीजी का दरबार है-२
राधा दरस का राधा नाम ही आधार है-२

राधा राधा राधा राधा राधा राधा राधा-२

ऊँची अटारी श्रीजी का दरबार है
राधा दरस का राधा नाम ही आधार है-२
नाम सहारे चढ़ते-२ जाते सीढ़ी हैं।

श्री जी हमारी हम श्री जी के-२
जिये जा रहे……

कृपामयी किशोरी करुणामयी सरकार है-२
बड़ी ही दयालु राधा सर्वसुख सार है-२
सब सुख पाये जब से-२ हो गए इन्हीं के।

श्री जी हमारी हम श्री जी के-२
जिये जा रहे……

‘मधुप’ हरी श्यामा प्राण हमारी हैं-२
सम्पति हमारी यही बरसाने वारी है-२
कर दी ये जिंदगी-२ नाम उन्हीं के।

श्री जी हमारी हम श्री जी के-२
जिये जा रहे……

श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा-४
राधाााााा….

ऐसो स्वप्न मोहिं अति भावे,नैन समीप मोहिनी मूरत मंद मंद मुस्कावे,
कोटि चंद छवि सुंदर आनन,रूप सुधा बरसावे
भोरी रंग भरी अलबेली,मेरे हिये में आय समावे।
ऐसो स्वप्न मोहिं अति भावे ..

श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा-३
श्री जी हमारी हम श्री जी के-२
श्री राधा श्री राधा श्री राधा श्री राधा-५

जय जय श्री राधे ..

जिये जा रहे हैं राधा नाम रस पी के-४
श्री जी हमारी हम श्री जी के -२ ।

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