तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली,
तेरा होगा बड़ा अहसान तेरी युग युग रहेगी शान,
भगत भर दे रे झोली…..

डोल उठी है सारी धरती डोला गगन है सारा,
भीख मांगन आया तेरे घर जगा का पालनहारा,
मैं आज तेरा मेहमान कर ले मुझ से पहचान,
भगत भर दे रे झोली…..

आज लुटा दे सब कुछ अपना मान ले कहना मेरा,
मिट जाएगा पल में तेरा जन्म जन्म का फेरा,
तू छोड़ सकल अभिमान कर अमर तू अपना दान,
भगत भर दे रे झोली……

तेरे द्वार खड़ा भगवान भगत भर दे रे झोली,
तेरा होगा बड़ा अहसान तेरी युग युग रहेगी शान,
भगत भर दे रे झोली…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

करवा चौथ

रविवार, 20 अक्टूबर 2024

करवा चौथ
संकष्टी चतुर्थी

रविवार, 20 अक्टूबर 2024

संकष्टी चतुर्थी
अहोई अष्टमी

गुरूवार, 24 अक्टूबर 2024

अहोई अष्टमी
बछ बारस

सोमवार, 28 अक्टूबर 2024

बछ बारस
रमा एकादशी

सोमवार, 28 अक्टूबर 2024

रमा एकादशी
धनतेरस

मंगलवार, 29 अक्टूबर 2024

धनतेरस

संग्रह