तूने दिया जो प्यार कहीं और ना मिला,
चलता रहे बस सँवारे यु ही ये सिलसिला….

तर्ज – लग जा गले

हमको मिले हो सांवरे तुम तो नसीब से,
मेरे दुखो को देखा है तुमने करीब से,
छाई घटाए पर मेरा सूरज नहीं ढला,
चलता रहे बस सांवरे यु ही ये सिलसिला,
तूने दिया जो प्यार कहीं और ना मिला….

अपनों में ढूंढा था तुझे गेरो में तू मिला,
आई बहार पर मुझे पतझड़ में तू मिला,
हारे को क्यों हो थामते अब ये पता चला,
चलता रहे बस सांवरे यु ही ये सिलसिला,
तूने दिया जो प्यार कहीं और ना मिला….

डूबी है कश्तिया कई जो थी किनारो पे,
मझधार से निकल गया तेरे इशारो से,
इस ‘श्याम’ का किया प्रभु बस तूने ये भला,
चलता रहे बस सांवरे यु ही ये सिलसिला,
तूने दिया जो प्यार कहीं और ना मिला….

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