माँ सरस्वती तेरे चरणों में,
हम शीश झुकाने आयें है,
दर्शन की भिक्षा लेने को,
दो नयन कटोरे लाए हैं…..

अज्ञान अंधेरा दूर करो और,
ज्ञान का दीप जला देना,
हम ज्ञान की शिक्षा लेने को,
माँ द्वार तिहारे आए हैं…..

हम अज्ञानी बालक तेरे,
अज्ञान दोष को दूर करो,
बहती सरिता विद्या की,
हम उसमें नहाने आए हैं…..

हम साँझ सवेरे गुण गाते,
माँ भक्ति की ज्योति जला देना,
क्या भेंट करु उपहार नहीं,
हम हाथ पसारे आए हैं……

माँ सरस्वती तेरे चरणों में,
हम शीश झुकाने आयें है,
दर्शन की भिक्षा लेने को,
दो नयन कटोरे लाए हैं……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

विजया एकादशी

सोमवार, 24 फरवरी 2025

विजया एकादशी
महा शिवरात्रि

बुधवार, 26 फरवरी 2025

महा शिवरात्रि
आमलकी एकादशी

सोमवार, 10 मार्च 2025

आमलकी एकादशी
होलिका दहन

गुरूवार, 13 मार्च 2025

होलिका दहन
होली

शुक्रवार, 14 मार्च 2025

होली
फाल्गुन पूर्णिमा

शुक्रवार, 14 मार्च 2025

फाल्गुन पूर्णिमा

संग्रह