मांगता ना सोना चांदी बांगला मैं कार जी,
मेहनत का मांगै सै फल मैया जमीदार जी……..
खेता के महा बीतै मैया जीवन जमीदार का,
होजा फसलअच्छी होजा मौसम बहार का,
टाइम पे मैं पाणी होजा करियो उपकार जी……….
डांगर घणे राखे मैया खैर राखियो सबकी,
अच्छा बिकजा दूध घी साल मैयाअबकी,
चालजा कुछ घर का कर्जा टाबर पीले धार जी……
माट्टी के महा रुलजा ना कदे मेहनत जमीदार की,
खोलदे तू आँख मैया सारे संसार की,
दाल रोटी का माँ सागर मांगै रोजगार जी…..
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