मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है,
भरते हैं यहां दामन, कोई जाता ना खाली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है,
निराली है, निराली है, निराली है, निराली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है……

जिसे दुनिया ठुकराए, उसे मैया अपनाए,
जो शरण में आ जाए, तो रोज दिवाली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है…..

यह अद्भुत धाम तेरा,यहां भक्तों का डेरा,
अपने भक्तों की मैया,करती रखवाली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है……

बिन मांगे ही पूरी, हर ख्वाहिश होती है,
यहां सारे मिट जाते, आती खुशहाली है,
मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है,
निराली है, निराली है, निराली है, निराली है……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

षटतिला एकादशी

शनिवार, 25 जनवरी 2025

षटतिला एकादशी
बसंत पंचमी

रविवार, 02 फरवरी 2025

बसंत पंचमी
जया एकादशी

शनिवार, 08 फरवरी 2025

जया एकादशी
माघ पूर्णिमा

बुधवार, 12 फरवरी 2025

माघ पूर्णिमा
विजया एकादशी

सोमवार, 24 फरवरी 2025

विजया एकादशी
महा शिवरात्रि

बुधवार, 26 फरवरी 2025

महा शिवरात्रि

संग्रह