सजा है दरबार मैया का नज़ारा हम भी देखेंगे,
जल रही जोत नूरानी नज़ारा हम भी देखेंगे,
दरबार में जो आए होकर मजबूर जितना,
मैया विपदा मिटाती है नज़ारा हम भी देखेंगे,
सजा है दरबार मैया का…..
संकट बड़ा गहराया है छाया है घोर अंधियारा,
जली है जोत ज्वाला की फैलेगा उजियारा,
रोशन सब जहां होगा नज़ारा हम भी देखेंगे,
सजा है दरबार मैया का…..
बड़ी दयावान है मैया दया सब पे दिखाएगी,
मिटा कर कष्ट भक्तों के दुःख दूर भगाएगी,
मंजर खुशियों भरा होगा नज़ारा हम भी देखेंगे,
सजा है दरबार मैया का……
जब गुजेंगें भवन में जयकारे मैया दौड़ी आएगी,
सुनके पुकार राजीव की मैया दर्शन दिखाएगी,
बरसेगा प्यार बच्चों पर नज़ारा हम भी देखेंगे,
सजा है दरबार मैया का……
Author: Unknown Claim credit