आज अयोध्या के आये है राम,
धूम मची है चारो ही धाम,
नाचे रे गाये सब दीप जलाय….. धूम मची है चारो ही धाम…..

माता कौशल्या के आँखों के तारे,
दसरथ जी के है राज दुलारे,
भाई भरत के प्राण है राम….. धूम मची है चारो ही धाम…..

भक्त हनुमंत रटता श्री राम,
पत्थर भी तिरता लिखा था जो नाम,
कलयुग के बंधन थोड़े जो नाम….. धूम मची है चारो ही धाम…..

भक्त धरम लिखता है राम,
गाता सुनाता कहता श्री राम,
अंत समय सब रटना राम….. धूम मची है चारो ही धाम…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कालभैरव जयंती

शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024

कालभैरव जयंती
उत्पन्ना एकादशी

मंगलवार, 26 नवम्बर 2024

उत्पन्ना एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती

संग्रह