फूल चढ़ाऊं मैं भोले पर फूल नहीं मेरा दिल है……..

मैं तुमसे पूछूं ऐ मेरे भोले क्या तुम्हारे काबिल है,
शीश भोले के गंगा बिराजे, चंद्रमा उनके काबिल है,
गले भोले के मुंडो की माला सर्प उनके काबिल है,
अंग भोले के भस्म विराजे बाघ अंबर उनके काबिल है,
हाथ भोले के डमरू विराजे त्रिशूल उनके काबिल है……

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