देखो शबरी के खुल गए भाग कुटिया में राम आ गए…..
मेरी कुटिया में गंगा और सरयू,
स्नान करेंगे श्री राम, कुटिया में राम आ गए…….
मेरी कुटिया में चंदन का पेड़ है,
तिलक लगाएं सुबह शाम, कुटिया में राम आ गए…….
मेरी कुटिया में तुलसी का पेड़ है,
पूजा करेंगे सुबह शाम, कुटिया में राम आ गए…….
भर भर डलिया वेदों के लाई,
देखो भोग लगाएं मेरे राम, कुटिया में राम आ गए…….
जो बेर शबरी ने राम को दिए हैं,
देखो राम जी ने खाई झुठे बेर, कुटिया में राम आ गए…….
जो बेर शबरी ने लक्ष्मण को दिए हैं,
लक्ष्मण ने फेंके नीचे बेर, कुटिया में राम आ गए…….
लक्ष्मण को जब शक्ति लगी थी,,
संजीवन बन गए बेर, कुटिया में राम आ गए…….
Author: Unknown Claim credit