कही राम लिख दिया कही श्याम लिख दिया है
सांसो के हर सिरे पर तेरा नाम लिख दिया है

सीता हरन में रावण संग गिद्ध की लड़ाई
जब गिर गया जटायु तब याद प्रभु की आई
हिस्से में उसके प्रभु ने निज धाम लिख दिया है
कही राम लिख दिया कही श्याम लिख दिया है

पहुचे दुखी सुदामा सुख धाम के द्वार
घनश्याम रो दिये थे जब एकतार निहारे
क्षण भर में एक दुखी को धन धाम लिख दिया है
कही राम लिख दिया कही श्याम लिख दिया है

शबरी को क्या पता था क्या चीज है तपस्या
बस राम राम कहकर हल कर दी सब समस्या
देकर बिदाई प्रभु ने विश्राम लिख दिया है
कही राम लिख दिया कही श्याम लिख दिया है

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