आ लौट के आजा भोलेनाथ,
तुझे माँ गौरा बुलाती है,
तेरा सुना पड़ा रे कैलाश,
तुझे माँ गौरा बुलाती है,
आ लौट के आजा भोलेनाथ,
तुझे माँ गौरा बुलाती है……

अंगो पे विभूति गले में माला,
पहने है शंकर भोला,
तुम हो सबका पालन हार,
तुझे माँ गौरा बुलाती है,
आ लौट के आजा भोलेनाथ,
तुझे माँ गौरा बुलाती है……

माथे पे चंदा जटा में गंगा,
जटा से बहती धारा,
सबका करता तू बेड़ा पार,
तुझे माँ गौरा बुलाती है,
आ लौट के आजा भोलेनाथ,
तुझे माँ गौरा बुलाती है…….

हाथो में डमरू पास में त्रिशूल,
नंदी पे करता सवारी,
सबका तू है पालनहार,
तुझे माँ गौरा बुलाती है,
आ लौट के आजा भोलेनाथ,
तुझे माँ गौरा बुलाती है……

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