बाहर खड़े भोलेनाथ मैंने तो सत्संग में जाना है,
सुन लो पति भरतार मैंने तो सत्संग में जाना है…..
सास मेरी जावे ननंद मेरी जावे,
मैं भी हो लिए साथ, हमें तो सत्संग में जाना है….
सास ने ले ली ढोलक, ननंद ने लिया चिमटा,
हमने लई खड़ताल, हमें तो सत्संग में जाना है…..
सास की फुटी ढोलक, ननंद का टूटा चिमटा,
खूब बजाई खड़ताल, हमें तो सत्संग में जाना है……
जेठ मेरा जावे जिठानी मेरी जावे,
मैं भी हो लिए साथ, हमें तो सतसग में जाना है……
जेठ ने लिए लड्डू जिठनी ने लिए पेड़ा,
हमने लिया परसाद, हमें तो सतसग में जाना है……
जेठ के फुटे लड्डू जिठनी के फूटे पेड़ा,
खूब ही बांटा प्रसाद, हमें तो सत्संग में जाना है……
देवर मेरा जावे देवरानी मेरी जावे,
हम भी हो लिए साथ, हमें तो सत्संग में जाना……
देवर लाया कलशा, देवरानी लाई मटका,
हम लिए लोटा हाथ, हमें तो सत्संग में जाना है……
देवर का टूटा कलशा, देवरानी का फूटा मटका,
खूब निहलाए भोलेनाथ, हमें तो सत्संग में जाना है…..
Author: Unknown Claim credit