बम लहरी

हाथ जोड़ के बोली गवरजा
हाथ जोड़ के बोली गवरजा

तीनो लोक बसाए बस्ती में
तीनो लोक बसाए बस्ती में

आप बसे वीराने में जी
आप बसे वीराने में

अजी राम भजो जी, राम भजो जी
राम भजो जी, राम भजो जी

शिव जी को करे प्रसंन्न : रोज यह सुने/पढ़े

शिव का वंदन किया करो
अजी शिव का वंदन किया करो जी

अगड़ बम बबम, बबम बम बबम
बबम बम बबम, बम लहरी
अगड़ बम बबम, बबम बम बबम
बबम बम बबम, बम लहरी
अगड़ बम बबम, बबम बम बबम
बबम बम बबम, बम लहरी
अगड़ बम बबम, बबम बम बबम
बबम बम बबम, बम लहरी

मेरी एक सुनो, अंतर्यामी
मेरी एक सुनो, भोले स्वामी

मैं तो दासी जनम-जनम की
मैं तो दासी जनम-जनम की

बाली उमर से भक्ति करती
बाली उमर से भक्ति करती

तुम्हें छोड़ के कहीं ना जाऊँ
तुम्हें छोड़ के कहीं ना जाऊँ

Author: कैलाश खैर

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