तुम प्रांरभ हो आरम्भ हो तुम्ही अंत हो,
जिसे देवता ही नहीं दानव भी पूजे,
मेरे शभूनाथ तुम ऐसे सन्त हो ।
मेरा हाथ थाम भोले,
यूं ही साथ साथ चलना ।
मन शंभू-शंभू बोले,
भोले इतना वर देना ॥
मैं शिव में खो गया हूँ,
वो मुझमें जग रहे हैं ।
मैं चलके थम गया हूँ,
वो थमके चल रहे हैं ॥
मैं उनमे घुल रहा हूँ,
वो मुझमें मिल रहे हैं ।
वक्त बेवक़्त धुन में,
शिव-शिव जप रहा हूँ ॥
अरे मेरी जवानी कहानी ज़ुबानी
है सब बाबा तुझपे कुर्बान…….
मेरा हाथ थाम भोले,
यूं ही साथ साथ चलना ।
मन शंभू-शंभू बोले,
भोले इतना वर देना ॥
शिव अनुरागी हैं,
शिव वैरागी हैं ।
शिव ही शून्य है,
शिव विस्तारी हैं ॥
शिव संहार हैं,
शिव कल्याण हैं ।
शिव शुरू से अंत तक,
शिव पुराण है ॥
अरे मांगो मिलेगा और खोजो दिखेगा
तू जा सही शिव के दरबार
मेरा हाथ थाम भोले,
यूं ही साथ साथ चलना ।
मन शंभू-शंभू बोले,
भोले इतना वर देना ॥
मेरा हाथ थाम भोले,
यूं ही साथ साथ चलना
मन शंभू-शंभू बोले,
भोले इतना वर देना ॥
मन शंभू-शंभू बोले,
भोले इतना वर देना……
Author: Unknown Claim credit