पूरब से जब सूरज निकले सिंदूरी घन छाए….
पवन के पग में नूपुर बाजे मयूर मन मेरा गाए….
पूरब से जब सूरज निकले सिंदूरी घन छाए….
पवन के पग में नूपुर बाजे मयूर मन मेरा गाए….
मन मेरा गाए……..
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ…..नमः शिवाय….
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ…….नमः शिवाय……
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
पुष्प की माला थाल सजाऊँ,
गंगाजल भर कलश मैं लाऊँ
नव ज्योति के दीप जलाऊँ,
चरणों में नित शीश झुकाऊँ
भाव विभोर हो के भक्ति में रोम-रोम रंग जाए….
हो…..मन मेरा गाए…….
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ…. नमः शिवाय…..
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
अभ्यंकर शंकर अविनाशी….
मैं तेरे दर्शन की अभिलाषी…..
जन्मों से की पूजा की प्यासी….
मुझ पे करना कृपा ज़रा सी….
तेरे सिवा मेरे प्राणों को और कोई ना भाए…
हो… मन मेरा गाए….
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ….नमः शिवाय….
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय, ॐ….नमः शिवाय…..
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
ॐ…. नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय,ॐ….नमः…..शिवाय….
Author: Unknown Claim credit