ओ गौरा तोहै कैसे मिले हैं भरतार,
ना कोई चिंता ना कोई टेंशन, अजब निराली सरकार,
ओ गौरा तोहै कैसे मिले हैं भरतार……
ना गौरा तुझे पानी की चिंता,
वाकी जटा में गंगा धार, गौरा तोहै कैसे मिले हैं भरतार……
ना गौरा तुझे बिजली की चिंता,
वाके माथे पर चमके चांद, गौरा तोहै कैसे मिले हैं भरतार……
ना गौरा तुझे महलों की चिंता,
वाको पर्वत ऊपर वास, गौरा तोहै कैसे मिले हैं भरतार……
ना गौरा तेरे सास ननंद है,
ना दबाने पड़ेंगे तुझे पाँव, गौरा तोहै कैसे मिले हैं भरतार……
ना गौरा तेरे दौरानी जिठानी,
ना होगी किसी से राड, गौरा तोहै कैसे मिले हैं भरतार……
ना गौरा तुझे घूमने की चिंता,
रहे नंदी की सवारी तैयार, गौरा तोहै कैसे मिले हैं भरतार……
ना गौरा तुझे खाने की चिंता,
वह तो खाए धतूरा भांग, गौरा तोहै कैसे मिले हैं भरतार……
मस्त मलंगा वह भीख मंगा,
वह डमरु बजावे दिन-रात, गौरा तोहै कैसे मिले हैं भरतार……
Author: Unknown Claim credit