शिवजी, भोलेनाथ के तांडव और भक्ति भजन! शिव अमृतवाणी से जुड़ें, मोक्ष का मार्ग पाएं। सभी शिव स्तोत्र BhaktiRas.in पर।

अन्त भी तू

अन्त भी तू

अन्त भी तू ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥ अन्त भी तू आरम्भ भी तूअन्त भी तू आरम्भ भी तूअन्त भी तू आरम्भ भी तूअन्त भी तू आरम्भ भी तूहर हर शम्भूहर...

शिव की धुन में

शिव की धुन में

शिव की धुन में ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवायॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय नमामीशमीशान निर्वाणरूपं ।विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ॥निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं।चिदाकाशमाकाशवासं भजे हं ॥ आदि देव महादेव शंभूडम डम डम बाजे रे डमरुआदि देव...

कौन महादेव

कौन महादेव

कौन महादेव महादेव कौन है ?? संसार के संहारकर्ता !!!जो विनाश करके संसार को संतुलित रखते हैं।उनका ना आदि है और ना अंत है,अविनाशी हैं । विश्वनाथ है, कालोपरी है ।पंचमहाभूतों के नाथ, भूतनाथ है...

सावन का महीना

सावन का महीना

सावन का महीना सावन का महीना पवन करे शोरमेरा शिव भोला भंडारीमुझे दिखाए चारो ओर सावन का महीना पवन करे शोरसावन का महीना पवन करे शोरमेरा शिव भोला भंडारीमुझे दिखाए चारो ओर तेरे दरश को...

जो तने ब्याहण आया पार्वती

जो तने ब्याहण आया पार्वती

जो तने ब्याहण आया पार्वती जो तने ब्याहण आया पार्वतीउसका रूप निराला सेमाथे चंदा जटा में गंगागळ में नाग एक काला सेओ माथे चंदा जटा में गंगागळ में नाग एक काळा से ओ इसा के...

जटाधारी

जटाधारी

जटाधारी भोले….ओ मेरे भोलेभोले……. हो मेरे महादेव जटाधारीमहाकाल त्रिपुरारी मेरे महादेव के चरनन मेंरहना है आपकी शरनन मेंमुझे प्यार जाताना आता नातेरे सिवा किसी से नाता ना हो मेरे महादेव जटाधारीमहाकाल त्रिपुरारीहो मेरे शिव भोले...

नमः शिवाय

नमः शिवाय

नमः शिवाय वो कैलाशी वो अविनाशीसारी श्रष्टि चलायेमस्त रहे अपनी मस्ती मेंडम-डम डमरू बजाये वो कैलाशी वो अविनाशीसारी श्रष्टि चलायेमस्त रहे अपनी मस्ती मेंडम-डम डमरू बजायेकाल भी उसका क्या कर लेजो जपते नमः शिवायॐ नमः...

तेरी दीवानी

तेरी दीवानी

तेरी दीवानी तेरे बिन है कौन मेरामैं आच्छी तरहिया जाणूतू पूरा करदे काम मेरामैं जो भी मन मैं ठाणूतू अँतरयामी है भोलेतेरी लीला सबसे न्यारीतेरे दर पै आयी सू भोलेमैं तेरे दर्श की मारीतेरे नाम...

शिव पार्वती

शिव पार्वती

शिव पार्वती मेरी सुनते जाइयो भोलेनाथकहवे पार्वती तेरीतेरे खातिर होगी थी जो राखबोले सती तेरीतेरे वस में यो सारा जहानकैलाश पे बैठ्या ला के ध्यानतने किसा बना राख्या से भेषतू राख से करता है स्नानके...

निर्वाण शटकम

निर्वाण शटकम

निर्वाण शटकम मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम्न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रेन च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु:चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥1॥ ना मन ना अहंकार, बुद्धि नहीं हूंना सुनता ना चखता कुछ देखता नहीं हूँन...

आगामी उपवास और त्यौहार

देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

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गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

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गुरूवार, 10 जुलाई 2025

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सोमवार, 21 जुलाई 2025

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शनिवार, 09 अगस्त 2025

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