तेरे दर को मै छोड़ कहा जाऊं ना दूजा कोई द्वार ना दिखे

तेरे दर को मै छोड़ कहा जाऊं,
ना दूजा कोई द्वार ना दिखे……

तुझ बिन जीना भी क्या जीना,
तेरा दर ही मेरा ठिकाना,
हो तेरे दर को मै….

तेरा दर्शन जब मै पाऊ,
दुनिया के गम भूल ही जाऊ,
हो तेरे दर को मै….

इतनी कृपा बस हम पर कर दे,
नाम तेरा गाऊ मुझे यही वर दे,
हो तेरे दर को मै….

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