आई आई हरि की बारात ( तुलसी विवाह )
धुन :- नी मैं नचना मोहन दे नाल
आई आई हरि की बारात, आज हम नाचेंगे।
हरि नाचेंगे हमारे साथ, आज हम नाचेंगे।।
नगर डगर सब खूब सजे हैं।।
घर घर खुशियों के दीप जगे हैं।।
रंग रस की हो रही बरसात आज हम नाचेंगे…..
रथ सवार है दुल्हा राजा।
बजे ढोल डफ शहिनाई बाजा।।
देवी देवता, आए हैं साथ। आज हम नाचेंगे…..
तुलसी विवाह का लगा है मेला।
मधुर मिलन का ‘‘मधुप’’ यह बेला।।
देव प्रबोधिनी एकादशी की रात। आज हम नाचेंगे….. ।
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